"सिर्फ अपने गीतों की सशक्तता की वजह से ही
वे आज भी लोकप्रिय हैं और लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं।"
इस मौके पर शैलेंद्र साहब के छोटे सुपुत्र श्री दिनेश शंकर शैलेंद्र जी से यह पूछे जाने पर कि आपके बाबा के निधन के इतने बरसों बाद आज क्या आप महसूस करते हैं कि उनका सही आकलन हो पाया है, के जवाब में उन्होंने कहा कि "उनका सही आकलन तो नहीं हो पाया। लोगों ने बहुत कोशिशें कीं उनके नाम को नीचा करने की। लोगों को पद्मश्री और पद्मभूषण मिलते हैं लेकिन उन्हें तो सरकार की तरफ से ऐसा कोई अवॉर्ड नहीं मिला। उनका कोई सपोर्ट नहीं था, वे लॉबी करने वालों में नहीं थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न तो बिहार, जहाँ के हम मूलत: हैं और न ही उ. प्र. की सरकारों ने उनके लिए कुछ किया। सिर्फ अपने गीतों की सशक्तता की वजह से ही वे आज भी लोकप्रिय हैं और लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं।"
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