7वां विश्व कविता महोत्सव - 2013
अंतर्राष्ट्रीय
बांगला कविता महोत्सव द्वारा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से दिनांक 18-20 जनवरी, 2013 तक 7वें विश्व कविता महोत्सव 2013 का कोलकाता के पश्चिमबंग
बांगला अकादमी परिसर में आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात्रि 8 बजे आय़ोजित विभिन्न सत्रों में विभिन्न देशों के कवियों ने कविता पाठ किया तथा कई परिचर्चाओं का आयोजन भी किया गया। 20 जनवरी, 2013 को अपराहन् 2 से 3.30 बजे के सत्र में विविध भाषाओं के तहत् 10 भाषाओं के 21 कवियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं। इस सत्र में हिन्दी
से राम आह्लाद चौधरी, रविप्रताप सिंह, शैलेन्द्र, सेराज खान बातिश,
कुशेश्वर, जीवन सिंह व उर्दू से ज़रीना ज़रीं,
शाहिद हुसैन शाहिद और डॉ. मुश्ताक अंजुम और पंजाबी से लखबीर निर्दोष तथा नीलम
शर्मा ‘अंशु’ ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत
कीं। अशोक झा ने मैथिली, वीरभद्र कारकोढाली ने
नेपाली, रमेश शर्मा ने राजस्थानी, परिमल हेम्ब्रम ने संथाली, प्रभामयी सामंत ने ओड़िया से अपनी रचनाओं का वाचन किया। कार्यक्रम की
अध्यक्षता श्रीमती कुसुम जैन ने तथा संचालन अनुवादक, पत्रकार व नाट्य समीक्षक श्री प्रेम
कपूर ने किया।
कार्यक्रम की झल्कियां
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मंचस्थ प्रेम कपूर, कुसुम जैन, रवि प्रताप सिंह, नीलम शर्मा 'अंशु' । |
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मंचस्थ प्रेम कपूर, कुसुम जैन, वीरभद्र कारकोढाली, कुशेश्वर। |
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मंचस्थ प्रेम कपूर, कुसुम जैन, दिनेश वढेरा, शैलेन्द्र श्रीवास्तव। |
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कविता पाठ - नीलम शर्मा 'अंशु' (पंजाबी)।
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कविता पाठ - रवि प्रताप सिंह (हिन्दी)। |
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कविता पाठ - अशोक झा (मैथिली)। |
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कविता पाठ - दिनेश वढेरा (गुजराती)। |
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संचालक की भूमिका में प्रेम कपूर। |
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कविता पाठ - कुशेश्वर(हिन्दी)। |
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कविता पाठ - वीरभद्र कारकोढाली (नेपाली)। |
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कविता पाठ - शैलेन्द्र (हिन्दी)। |
प्रस्तुति व क्लिक - नीलम शर्मा 'अंशु'
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रपट अच्छी रही. मैं चाह कर भी हाज़िर नहीं हो सका, कहीं और था. खैर, तुम सब लोग उपसथित रहे ,अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंरावेल पुष्प
samskriti sarokar aur achchi report ke liye neelam ji ko dhanyabad. bahubhashi kavi sammelan ke liye badhai. kintu brajbhasa ka itna vishal sahitya hote hue bhi iske kavion ka abhav khatak raha hai. prayas kare to mil bhi jaenge. - martand, sahitya triveni
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार रावेल जी, मार्तंड जी।
जवाब देंहटाएं- नीलम शर्मा 'अंशु'