36 वें कोलकाता पुस्तक मेले में संस्कृति सरोकार (संस्कृति, साहित्य व शैक्षिक सरोकारों को समर्पित संस्था के तत्वावधान में मानव प्रकाशन के स्टॉल नंबर 253 पर एक बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की ज़बरदस्त सफलता का अदाज़ा़ इस बात से भली-भांति लगाया जा सकता है कि काव्य गोष्ठी ने काव्य सम्मेलन का रूप ले लिया। कवियों ने ऐसा समां बांधा कि मेला प्रांगण में यह कार्यक्रम रात 8.30 तक चलता रहा। पश्चिम बंगाल के सभी प्रमुख अख़बारों ने कार्यक्रम की पूर्व सूचना तथा कार्यक्रम संपन्न हो जाने के बाद की कवरेज को प्रमुखता से अपने समाचारपत्रों में प्रकाशित किया। इसके लिए हम मीडिया के प्रति तह-ए-दिल से आभारी हैं। यहां प्रस्तुत है कवरेज की हु-ब-हु रिपोर्टें।
कार्यक्रम के आयोजन के विषय में पूर्व सूचना
संबंधी कवरेज -
राजस्थान पत्रिका, शुक्रवार, 03-02-2012
काव्य गोष्ठी का आयोजन - कोलकाता, मानव प्रकाशन की ओर से शनिवार को बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का संयोजन लेखिका नीलम शर्मा अंशु कर रही हैं। हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, बांगला, असमिया आदि भाषा के कवि काव्य पाठ करेंगे। इस आयोजन में हलीम साबिर, सेराज खान बातिश, डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी, डॉ. गिरधर राय, राज्यवर्धन, जीतेन्द्र धीर तथा एस. आनंद उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन रवि प्रताप सिंह करेंगे।
प्रभात खबर, शनिवार, 4 फरवरी, 2012
बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन - कोलकाता : संस्कृति सरोकार (साहित्य, संस्कृति और शैक्षिक सरोकारो को समर्पित संस्थान) एवं मानव प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को शाम चार बजे कोलकाता पुस्तक मेला परिसर में मानव प्रकाशन के स्टॉल नंबर 253 पर बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन होगा। यह जानकारी संस्कृति सरोकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।
प्रभात वार्ता, शनिवार, 4 फरवरी, 2012
महानगर में आज - संस्कृति सरोकार व मानव प्रकाशन की ओर से बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन, कोलकाता पुस्तक मेला परिसर, स्टॉल नंबर 253, मिलन मेला, कोलकाता, शाम 4.00 बजे।
सन्मार्ग, शनिवार, 4 फरवरी, 2012
संस्कृति सरोकार (पंजीकृत) : काव्य गोष्ठी का आयोजन, पुस्तक मेला परिसर,मानव प्रकाशन स्टॉल सं. 253, कोलकाता, सांय 4.00 बजे।
कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात् की कवरेज :
प्रभात खबर, शनिवार, 5 फरवरी, 2012
पुस्तक मेले में कविता व शायरी की महफ़िल
कोलकाता : मिलन मेला प्रांगण में शनिवार को काफ़ी भीड़ रही। रविवार को पुस्तक मेले का समापन होगा। शनिवार को कोलकाता विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों द्वारा नृत्य-संगीत का कार्यक्रम आयोजित हुआ। हालांकि हिन्दी भाषियों के लिए स्टालों की संख्या कम है, लेकिन वहां भीड़ जुटाने के लिए कवि गोष्ठियां भी आयोजित की हो रही हैं। मानव प्रकाशन और संस्कृति सरोकार के संयुक्त तत्वावधान में बहुभाषी कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें हिन्दी, बांगला, पंजाबी तथा उर्दू के कवि और शायरों ने भाग लिया। इनमें दूरदर्शन के संजय सनम, गुजराती कवि दिनेश वढेरा, कुंवर वीर सिंह 'मार्तंड', शकील अनवर, विमलेश त्रिपाठी, शायर हलीम साबिर आदि शामिल रहे। संचालन रवि प्रताप सिंह ने किया। अधिकतर कवियों ने वर्तमान की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डाला। अन्य कवियों में निशांत, मंजू मिंज, नम्रता मौर्य आदि शामिल रहे।
राजस्थान पत्रिका, कोलकाता, रविवार 05 फरवरी, 2012
बहुभाषी काव्य पाठ ने बांधा समां
कोलकाता , कोलकाता पुस्तक मेला पूरे खुमार पर नज़र आ रहा है। शनिवार को मेले में बहुभाषी काव्य पाठ ने समां बांध दिया। मानव प्रकाशन के स्टॉल पर आयोजित संस्कृति सरोकार तथा मानव प्रकाशन के तत्वावधान में बहुभाषी काव्य पाठका आयोजन किया गया जिसमें महानगर के 40 कवियों ने काव्य पाठ किया। मंच पर हिन्दी, उर्दू के साथ ही डोगरी, असमिया, पंजाबी, गुजराती, भोजपुरी तथा बांगला भाषाओं में काव्य पाठ किया गया। डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी की अध्यक्षता में हुए आयोजन में पंजाबी मे रावल पुष्प, गुजराती में दिनेश वढेरा, राजस्थानी में संजय सनम, उर्दू में हलीम साबिर के साथा ही विमलेश त्रिपाठी, निशांत, अगम शर्मा, मंजू इशरत, नम्रता मौर्य, दिशा चटर्जी ने काव्य पाठ किया।अतिथियों का स्वागत अनुज कुमार ने तथा धन्याद ज्ञापन नीलम शर्मा अंशु ने किया। रवि प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
दैनिक जागरण, कोलकाता, 6 फरवरी, 2012
मेले में बहुभाषी काव्य समारोह
कोलकाता, मिलन मेला प्रांगण में शनिवार को संस्कृति सरोकार (पंजीकृत) साहित्यिक संस्था तथा मानव प्रकाशन के सह तत्वावधान में 40 रचनाकारों की स्वरचित कृतियों की आवाज़ शाम चार बजे से रात आठ बजे तक गुंजायमान होती रही। इस बहुभाषी कवि सम्मेलन में हिन्दी, बांगला, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी तथा भोजपुरी भाषा के कवियों ने अपनी-अपनी मातृ भाषा में काव्य पाठ किया।
हिन्दी के उल्लेखनीय कवियों में डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी, डॉ. जी डी राय, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, प्रो. अगम शर्मा, बिमलेश त्रिपाठी, निशांत, भानु प्रताप त्रिपाठी 'सरल', मंजु मिंज, रवि प्रताप सिंह उपस्थित रहे। उर्दू में उस्ताद शायर हलीम साबिर, शम्स एफ़्तेखारी, अहमद मिराज़, शकील अनवर, मुजीब अख़तर, गुलाम बुगदादी, सेराज खान बातिश प्रमुख थे। बांगला में दिशा चटर्जी, तपन भट्टाचार्जी, मानिक माझी, सोमनाथ राय और अमरेश चक्रवर्ती। पंजाबी से रावेल पुष्प, पुष्पा खनूजा, गुजराती से दिनेश वढेरा, भोजपुरी से सुरेश शॉ व रंजीत प्रसाद तथा राजस्थानी में संजय सनम ने अपनी कविताओं के माध्यम से भारत की भाषाई विविधता में एकता की मनोरम झांकी प्रस्तुत की। कविता का जादू इस तरह तारी था कि राह चलते पुस्तक प्रेमी स्टॉलों की तरफ जाना भूल, घंटों खड़े रहकर कविता का रसपान करते रहे। इस बहुभाषी काव्य समारोह की अध्यक्षता कवि डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी ने की। संचालन कवि व शायर रवि प्रताप सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक आकाशवाणी एफ. एम. प्रस्तोता नीलम शर्मा 'अंशु' ने किया।
हिन्दी के उल्लेखनीय कवियों में डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी, डॉ. जी डी राय, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, प्रो. अगम शर्मा, बिमलेश त्रिपाठी, निशांत, भानु प्रताप त्रिपाठी 'सरल', मंजु मिंज, रवि प्रताप सिंह उपस्थित रहे। उर्दू में उस्ताद शायर हलीम साबिर, शम्स एफ़्तेखारी, अहमद मिराज़, शकील अनवर, मुजीब अख़तर, गुलाम बुगदादी, सेराज खान बातिश प्रमुख थे। बांगला में दिशा चटर्जी, तपन भट्टाचार्जी, मानिक माझी, सोमनाथ राय और अमरेश चक्रवर्ती। पंजाबी से रावेल पुष्प, पुष्पा खनूजा, गुजराती से दिनेश वढेरा, भोजपुरी से सुरेश शॉ व रंजीत प्रसाद तथा राजस्थानी में संजय सनम ने अपनी कविताओं के माध्यम से भारत की भाषाई विविधता में एकता की मनोरम झांकी प्रस्तुत की। कविता का जादू इस तरह तारी था कि राह चलते पुस्तक प्रेमी स्टॉलों की तरफ जाना भूल, घंटों खड़े रहकर कविता का रसपान करते रहे। इस बहुभाषी काव्य समारोह की अध्यक्षता कवि डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी ने की। संचालन कवि व शायर रवि प्रताप सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक आकाशवाणी एफ. एम. प्रस्तोता नीलम शर्मा 'अंशु' ने किया।
सन्मार्ग, शनिवार, 5 फरवरी, 2012
ऐतिहासिक बहुभाषी काव्य सम्मेलन
कोलकाता, मिलन मेला प्रांगण में शनिवार को संस्कृति सरोकार (पंजीकृत) साहित्यिक संस्था तथा मानव प्रकाशन के तत्वावधान में स्यॉल नंबर 253 के बाहरी लॉन में हिन्दी, बांगला, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, तथा राजस्थानी आदि भाषाओं के 40 रचनाकारों की स्वरचित रचनाओँ का पाठ किया गया। हिन्दी में पाठ करने वालों में डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी, डॉ. जी डी राय, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, प्रो. अगम शर्मा, बिमलेश त्रिपाठी. निशांत, भानु प्रताप त्रिपाठी 'सरल', और, रवि प्रताप सिंह रहे। वहीं, उर्दू में उस्ताद शायर हलीम साबिर, शम्स एफ़्तेखारी, अहमद मिराज़, शकील अनवर, मुजीब अख़्तर, गुलाम बुगदादी, सेराज खान बातिश प्रमुख रहे। वहीं बांगला में दिशा चटर्जी, तपन भट्टाचार्य, मानिक माझी, सोमनाथ राय आदि ने काव्य पाठ किया। पंजाबी साहित्य के रावेल पुष्प, पुष्पा खनूजा, गुजराती में दिनेश वढेरा, भोजपुरी में सुरेश शॉ व रंजीत प्रसाद तथा राजस्थानी में संजय सनम ने अपनी कविताओं का पाठ किया।
प्रभात वार्ता, रविवार, 5 फरवरी, 2012
बहुभाषी काव्य पाठ
कोलकाता, मिलन मेला प्रांगण में शनिवार की शाम 'संस्कृति सरोकार' साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में मानव प्रकाशन के
स्टॉल नंबर 253 के बाहरी लॉन में एक बहुभाषी काव्य सम्मेलन संपन्न हुआ। इस कवि सम्मेलन में हिन्दी, बांगला, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, तथा राजस्थानी भाषा के कवियों ने काव्य पाठ किया गया। हिन्दी कवियों में डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी, डॉ. जी डी राय, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, प्रो. अगम शर्मा, डॉ. बिमलेश त्रिपाठी, भानु प्रताप त्रिपाठी 'सरल', और रवि प्रताप सिंह ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। इसके अतिरक्त अन्य भाषाओं के कवियों में शायर हलीम साबिर, मुजीब अख़्तर, सेराज खान बातिश, दिशा चटर्जी, तपन भट्टाचार्य (बांगला), रावेल पुष्प, पुष्पा खनूजा (पंजाबी), दिनेश वढेरा ( गुजराती), सुरेश शॉ, रंजीत प्रसाद(भोजपुरी) तथा संजय सनम(राजस्थानी) ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
जनसत्ता, 7 फरवरी, 2012 पृष्ठ सं. 9
बहुभाषी काव्य सम्मेलन संपन्न
बहुभाषी काव्य सम्मेलन संपन्न
कोलकाता, 6 फरवरी(जनसत्ता)। कोलकाता पुस्तक मेला के समापन
समारोह की पूर्व संध्या पर पिछले शनिवार को मिलन मेला प्रांगण में
एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन संस्कृति सरोकार व मानव
प्रकाशन की ओर से स्टाल नंबर 253 के बाहरी लॉन में किया गया। शाम
चार बजे से रात आठ बजे तक चले इस काव्य सम्मेलन में हिन्दी,
बांगला, उर्द, पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी व भोजपुरी भाषा के कवियों ने
हिस्सा लिया। इसमें हिन्दी से उल्लेखनीय कवियों में अरुण प्रकाश
अवस्थी, गिरधर राय, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, प्रो. अगम शर्मा, बिमलेश
त्रिपाठी, निशांत, भानु प्रताप त्रिपाठी सरल, मंजु मिंज, रवि प्रताप सिंह,
हरेराम और नम्रता मौर्य, उर्दू से शायर हलीम साबिर, शम्स इफ़्तखारी
अहमद मिराज़, शकील अनवर, मुजीब अख़्तर, गुलाम बुगदादी व सेराज
खान बातिश बांगला से दिशा चटर्जी, तपन भट्टाचार्जी, मानिक माझी,
सोमनाथ राय व अमरेश चक्रवर्ती, पंजाबी से रावेल पुष्प, पुष्पा खनूजा,
गुजराती से दिनेश वढेरा, भोजपुरी से सुरेश शॉ तथा रंजीत प्रसाद और
राजस्थानी से संजय सनम ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता
अरुण प्रकाश अवस्थी ने व संचालन रवि प्रताप सिंह ने किया। धन्यवाद
नीलम शर्मा 'अंशु' ने दिया।
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